ये जो हम महके महके से घूमते फिरते इतराते हैं
ये जो हम महके महके से घूमते फिरते इतराते हैं
दर हकीकत में हमारे बाप के पसीने की खुशबू है
दर हकीकत में हमारे बाप के पसीने की खुशबू है
आज उन्हें क्यों कर भूलने के खता करते हो
अपने आने वाले कल की तस्वीर से नहीं डरते हो
अपने आने वाले कल की तस्वीर से नहीं डरते हो
तुम्हारा भी फ़रज़न्द तुम्हारे पसीने में आग लगाएगा
आज नहीं तो कल तुम्हे इस बात का एहसास हो जायेगा
आज नहीं तो कल तुम्हे इस बात का एहसास हो जायेगा
आदर और सेवा भाव से तुम उनका सत्कार करो
उनके खुशियों से ही तेरे ज़िन्दगी की खुशबु है
उनके खुशियों से ही तेरे ज़िन्दगी की खुशबु है
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